@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए करें पंजीकरण (अंतिम तिथि- 31 दिसम्बर)

राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए करें पंजीकरण (अंतिम तिथि- 31 दिसम्बर)

आचार्य अभिनवगुप्त सहस्राब्दी सम्पूर्ति समारोह

राष्ट्रीय विद्वत संगम

(National Scholars Confluence)

6 - 7 जनवरी 2017

आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेन्टर, कनकपुरा रोड, बेंगलूरू

आयोजक

आचार्य अभिनवगुप्त सहस्राब्दी समारोह समिति

सहयोगी संस्थाएं

श्रीश्री रविशंकर विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर
जम्मू काश्मीर अध्ययन केन्द्र, नई दिल्ली
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली
भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्यप्रदेश

आचार्य अभिनवगुप्त

आचार्य अभिनवगुप्त एक उत्कृष्ट साधक, श्रेष्ठ दार्शनिक और काश्मीरी शैव दर्शन के प्रतिनिधि आचार्य थे। उनका दर्शन आगम निगम और लोक तीनों का श्रेष्ठ समावेशन और विभिन्न मान्यताओं का सुंदर समन्वय करता है। लोकमान्यता है कि आज से 1000 वर्ष पूर्व अपने जीवन का लक्ष्य पूरा कर आचार्य काश्मीर में वीरवा-स्थित भैरव गुफा में प्रविष्ट हुए जहां वह अपने आराध्य शिव के साथ एकाकार हो गये। आचार्य अभिनवगुप्त-सहस्राब्दी-वर्ष उनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व को स्मरण करने का पुनीत अवसर है।

सहस्राब्दी समारोह-

आचार्य अभिनवगुप्त के अस्तित्व के एक हजार वर्ष पूरे होने के अवसर पर देश के बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी, सामाजिक एवं अकादमिक जगत के प्रबुद्धजनों के द्वारा इस वर्ष को आचार्य अभिनवगुप्त के सहस्राब्दी समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस समारोह समिति की अध्यक्षता श्रीश्री रविशंकर ने स्वीकार की तथा महासचिव प्रो. कपिल कपूर बने। प्रख्यात पत्रकार श्री जवाहरलाल कौल समारोह समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बने।

पौष कृष्ण दशमी संवत 2073 तदनुसार दिनांक 4 जनवरी 2016 ख्रीस्ताब्द को देश भर में आचार्य अभिनवगुप्त को सहस्र दीपों से श्रद्धा समर्पित की गयी, साथ ही देश भर में अकादमिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ हुए। समारोह का औपचारिक उद्घाटन दिनांक 13 फरवरी 2016 को विज्ञान भवन में समारोह समिति के अध्यक्ष श्रीश्री रवि शंकर जी ने किया। उसके बाद देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित हुए।

सम्पूर्ति समारोह-

आचार्य अभिनवगुप्त और उनके अवदान पर हुई अकादमिक चर्चा में जम्मू काश्मीर सहित सम्पूर्ण भारत के सभ्यता, संस्कृति, शिक्षा, राजनीति एवं सुरक्षा से जुड़े विविध अकादमिक विषयों पर चिन्तन के नये वितान प्रस्तावित किए हैं। आचार्य अभिनवगुप्त के स्मरण ने भारत और भारतीयता का देशानुकूल, कालानुकूल पुनर्स्मरण का अवसर उपस्थित किया है। इसलिए सम्पूर्ति समारोह के अवसर पर सभ्यता, संस्कृति सहित ज्ञान-विज्ञान की विविध विधाओं की सर्वसमावेशी परिचर्चा राष्ट्रीय विद्वत संगम के रूप में आयोजित की गयी है। सम्पूर्ति के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मा. भैय्याजी जोशी एवं पूज्य श्रीश्री रवि शंकर जी का सानिध्य प्राप्त होगा।

राष्ट्रीय विद्वत संगम

आचार्य अभिनवगुप्त की विश्वतोमुखी प्रतिभा और ज्ञान-विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में उनके अवदान को अभिलक्ष्य कर सभ्यता, संस्कृति, कला एवं विज्ञान के विविध विद्यास्थानों पर भारत केन्द्रित विचार-विमर्श तथा नई संभावनाओं के उन्मेष के लिए राष्ट्रीय विद्वत संगम आयोजित है। इस संगम में देश के अग्रगण्य एवं ख्यातिलब्ध विद्वतजन, अनुसंधाता तथा विश्वविद्यालयों के शिक्षक सहभागिता करेंगे।

समानान्तर सत्र-

राष्ट्रीय विद्वत संगम में विद्या विभाग के अनुसार परिचर्चा के निम्न समानान्तर सत्र आयोजित होंगे –
 विषयसंयोजकमोबाइल नो.ईमेल
1.अभिनवगुप्त एवं भारतीय साहित्य (शास्त्रीय एवं लोक)
Abhinavagupta and Indian Literature: Classical and Folk
डॉ. राज नारायण शुक्ल9910777969yug_shilpi@yahoo.com
2.अभिनवगुप्त एवं सांस्कृतिक विद्याएं
Abhinavagupta and Cultural Studies
डॉ. मयंक शेखर9711055441mayankcss@gmail.com
3.अभिनवगुप्त एवं सभ्यतामूलक विद्याएं
Abhinavagupta and Civilizational Studies
डॉ. पवन कुमार शर्मा9414401269pksharma-kou@rediffmail.com
4.अभिनवगुप्त एवं भू-राजनैतिक चुनौतियां
Geo-Polity of Himalayan Region
डॉ शैलेश कुमार मिश्र9415446525shaileshssv@gmail.com
5.अभिनवगुप्त -दर्शन, अध्यात्म एवं साधना
Abhinavagupta and Philosophy, Spirituality and Sadhna
डॉ. रजनीश मिश्र9910066499mishrarajnish@gmail.com
6.अभिनवगुप्त एवं संचार तथा माध्यम
Abhinavagupta & Communication and Media
डॉ. जयप्रकाश सिंह9882601975jpsh.pol@gmail.com
7.इतिहास में जम्मू कश्मीर की स्थिति
Jammu Kashmir in History
डॉ. रघुवेन्द्र तंवर9896219909ragutanwar@gmail.com
8.जम्मू कश्मीर की विधिक एवं संवैधानिक स्थिति
Legal and Constitutional Status of Jammu Kashmir
डॉ. देवेन्द्र सिंह9417114459devinder@pu.ac.in

 

ज्ञान जगत के इस ऐतिहासिक, अविस्मरणीय सारस्वत आयोजन में आप सादर आमंत्रित हैं। इसके साथ ही निर्धारित ज्ञान-विभागों में से अपनी रुचि के अनुसार किसी भी विभाग से संबंधित विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत करने हेतु आप पंजीकरण करा सकते हैं।

प्रतिभाग के इच्छुक व्यक्ति अपनी रुचि के विद्या विभाग में हमारी वेबसाइट JKSTUDYCENTRE.ORG पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2016 है। पंजीकरण शुल्क प्राध्यापकों हेतु रु. 1000 और विद्यार्थियों के लिए रु. 500 मात्र है। सभी पंजीकृत प्रतिभागियों की आवास व्यवस्था आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेन्टर परिसर में रहेगी।

संपर्क- डॉ. रजनीश शुक्ल (09415201031), अजय कुमार (09419179372)

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